Bhu Aadhar (ULPIN) kya Hain – भू आधार  विशिष्ट भूमि पार्सल पहचान संख्या क्या है

Bhu Aadhar (ULPIN) kya Hain : भू आधार से जमीनों का मलकाना हक स्पष्ट होगा और जमीनों से संबंधित विवाद भी निपटाए जाएंगे ! भू आधार योजना के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्र के सभी भूमि के लिए 14 अंकों की विशिष्ट पहचान संख्या मिलेगी ! जिसे Bhu Aadhar ID या ULPIN से जानेंगे ! केंद्र सरकार के 2024 के बजट में ग्रामीण व शहरी क्षेत्र मेंभूमि से संबंधितविवादों को निपटने के लिए भू आधार का प्रस्ताव रखा है जिसमें ग्रामीण क्षेत्र में प्रत्येक भूमि के लिए भू आधार आईडी व शहरी क्षेत्र के लिए भू अभिलेख के के लिए डिजिटलकरण का प्रस्ताव रखा है !

Bhu Aadhar kya Hain in hindi – क्या है भू आधार

इस योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्र की सभी जमीनों को 14 अंकों की विशिष्ट पहचान संख्या दी जाएगी ! जिसे हम विशिष्ट भूमि पार्सल पहचान संख्या (ULPIN) के नाम से जानेंगे ! इसे भू आधार  मैं भूमि की पहचान संख्या सर्वे मानचित्रण व स्वामित्व के साथ किसानों का रजिस्ट्रेशन होगा ! जैसे किसने की भूमि को एक विशिष्ट पहचान मिल सकेगी और सरकार के द्वारा किसानों के लिए महत्वाकांक्षी योजनाएं बनाने में सहायक होगा ! सरकार के द्वारा जमीनों के जिला कारण की शुरुआत 2008 में की गई थी !

शहरों में होगी भूमि की GIS मैपिंग

शहरों में भूमि के लिए GIS मेपिंग को अपनाया जाएगा ! जिससे शहरों में भूमि को जिला कारण किया जा सके और सरकार के द्वाराशेरों के विकास के लिए योजनाएं बनाने में सहायता मिल सके !

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Bhu Aadhar फायदे ?

भू आधारके विभिन्न प्रकार के फायदे होने वाले हैं !

  • भू-आधार भूमि-लेवल मैप और माप के माध्यम से सटीक भूमि रिकॉर्ड सुनिश्चित हो सकेगा !
  • Bhu Aadhar ID भूखंड की पहचान करने में आसानी होगी !
  • जिससे भूमि को लेकर अक्सर होने वाले विवादों से छुटकारा मिलेगा !
  • आधार से लिंक होने पर भूमि रिकॉर्ड तक ऑनलाइन एक्सेस किया जा सकेगा! 
  • भूखंड से संबंधित संपूर्ण इतिहास और उसके मालिकों की डिटेल को ट्रैक किया जा सकता है !
  • साथ ही इससे नीति निर्माण के लिए सरकार को सटीक भूमि डेटा मिलेगा !

भू आधार कैसे करेगा काम ?

भू आधार डिजिटलकरण के तौर पर काम करेगा

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  • Bhu Aadhar में सबसे पहले भूखंड को जीपीएस तकनीक की मदद से जियोटैग किया जाता है ताकि इसकी सटीक भौगोलिक स्थिति की पहचान हो सके !
  • इसके बार सर्वे करके भूखंड की सीमाओं का फिजिकल वेरिफिकेशन और माप किया जाता है !
  • इस दौरान भूमि मालिक का नाम, क्षेत्र आदि जैसी डिटेल इकठ्ठा की जाती है. फिर इस डिटेल को लैंड रिकॉर्ड मैनेजमेंट सिस्टम में दर्ज किया जाता है ! 
  • इसके बाद सिस्टम ऑटोमैटिकली भूखंड के लिए 14 अंक का भू-आधार संख्या तैयार करता है. यह संख्या डिजिटल रिकॉर्ड से जुड़ी होती है !

Bhu Aadhar Id मैं कौन सी जानकारी होगी

ब किसी भी भूमि का भू आधार बनाकर तैयार होगा तो उसे जब एक्सेस किया जाएगा तो उसमें निम्न जानकारी कहीं पर भीहासिल की जा सकती है  !

  • आधार कार्ड की ही तरह भू-आधार में स्टेट कोड, डिस्ट्रिक्ट कोड, उप-जिला कोड, गांव कोड, भूखंड की यूनीक आईडी नंबर होते हैं !
  • भू-आधार संख्या को डिजिटल और फिजिकली दस्तावेज पर अंकित किया जाता है !
  • चाहे भूमि हस्तांतरित हो, कई हिस्सों में विभाजित हो या फिर उसमें कोई बदलाव हुआ हो, भू-आधार संख्या भूखंड की भौगोलिक सीमा के लिए समान रहेगी और उसमें कोई बदलाव नहीं होगा !

निष्कर्ष :

भू आधार से जमीनों का मलकाना हक स्पष्ट होगा और जमीनों से संबंधित विवाद भी निपटाए जाएंगे ! भू आधार योजना के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्र के सभी भूमि के लिए 14 अंकों की विशिष्ट पहचान संख्या मिलेगी ! जिसे Bhu Aadhar ID या ULPIN से जानेंगे !

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