Jamin ki Paimaish Kaise Karaye

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Jamin ki Paimaish Kaise Karaye , जमीन की पैमाईश कैसे कराएं , भूमि सीमांकन प्रकिया धारा 24

Jamin ki Paimaish Kaise Karaye : आप अपने जमीन की पैमाइश कैसे करा सकते हैं ? यदि आप की जमीन पर किसी भी व्यक्ति ने कब्जा कर लिया है ! सीमा या मेड तोड़कर अपने खेत में मिला लिया है ! आप की जमीन कागजात से मौके पर कम है ! आपका नाम कागजात में है लेकिन जमीन या भूमि आप के कब्जे में नहीं है ! जमीन या भूमि संबंधी किसी भी प्रकार के निपटारे के विवादों के लिए जमीन की पैमाइश कैसे करा सकते हैं ! इसका तरीका मैं आज बताने वाला हूं !

हालांकि उत्तर प्रदेश सरकार ने जमीन की पैमाइश के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू कर दी है ! लेकिन यदि आप अन्य राज्यों से बिलॉन्ग करते हैं तब आप अपने जमीन या भूमि संबंधी विवादों का कैसे निपटारा करा पाएंगे ! इसके विषय में आज हम आपको जानकारी देने वाले हैं ! भूमि की पैमाइश ऑनलाइन कैसे कराएं इसका भी जानकारी मैं आपको देने वाला हूं ! जमीन की पैमाइश के लिए ऑनलाइन मेथड फॉर दोनों आपके साथ साझा करने वाले हैं ! आपके राज्य में जो भी लागू हो , आप उस तरीके से अपने जमीन की पैमाइश करा सकते हैं !

जमीन की पैमाइश कराने का ऑफलाइन तरीका (Jamin ki Paimaish Kaise Karaye)

सबसे पहले आपको अपनी जमीन की जानकारी रखनी होगी ! आप कि जिस जमीन पर दूसरे व्यक्ति ने कब्जा किया है ! उसकी खतौनी आपके पास होनी आवश्यक है ! उस जमीन की अपने नाम से भूमि जमीन की खतौनी निकाल कर रखें ! उस जमीन की गाटा संख्या का नक्शा देखकर भूमि की लंबाई और चौड़ाई नोट करके रखें ! अब आप गाटे के अनुसार लंबाई और चौड़ाई अपने खेत की नापे ! यदि मौके पर जमीन कम है, तो जिस व्यक्ति ने जमीन पर कब्जा कर रखा है ! उससे आप बात करके निपटारा करा सकते हैं ! यदि व्यक्ति नहीं मानता है ,तो आप अपने जमीन की सरकारी कानूनी प्रक्रिया से गुजर सकते हैं !

जमीन की पैमाइश कराने की कानूनी प्रक्रिया

उत्तर प्रदेश में उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता 2006 लागू हो चुकी है ! उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता 2006 की धारा 24 के अंतर्गत सीमा संबंधी विवादों का निपटारा किया जाता है ! धारा 24 के अंतर्गत आप अपनी जमीन की पैमाइश करा सकते हैं ! उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता 2006 की धारा 24 के अंतर्गत उप जिला अधिकारी न्यायालय में आवेदन कर ! अपनी जमीन का सीमांकन कराकर अपनी जमीन पर कब्जा प्राप्त किया जा सकता है !

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जमीन या भूमि की पैमाइश कराने के लिए आवेदन प्रक्रिया

यदि आप की जमीन पर किसी ने कब्जा कर रखा है ! तो आप धारा 24 के अंतर्गत उप जिला अधिकारी न्यायालय में एक प्रार्थना पत्र दे सकते हैं ! उप जिला न्यायालय अधिकारी को आपको एक एप्लीकेशन देना होगा ! इस एप्लीकेशन में आवेदन में पक्षकारों के नाम व पता ,भूखंड या गाटा संख्या उनकी सीमाएं तथा विवाद का संक्षिप्त विवरण लिखा होना चाहिए ! आप की जमीं पर किस ने कब्जा कर रखा है ! उसकी जानकारी आपको प्रार्थना पत्र में देनी होगी ! जिस जमीन पर उसने कब्जा किया है उस जमीन की आपको गाटा संख्या ,भूखंड संख्या के सभी जानकारी प्रार्थना पत्र में देनी होती है !

पैमाइश या सीमांकन कराने के लिए आवश्यक दस्तावेज

यदि आप अपनी भूमि की पैमाइश या सीमांकन कराते हैं ! तो आपको प्रार्थना पत्र के साथ निम्न दस्तावेज भी सलंग करने होते हैं ! इन सभी प्रार्थना दस्तावेजों की प्रमाणित प्रति आपको एप्लीकेशन के साथ लगाकर उप जिला अधिकारी न्यायालय में जमा करना होता है !

खतौनी
खसरा
नक्शा
साथ ही आपको ₹1000 की ट्रेजरी फीस सीमांकन शुल्क भी जमा करना होता है !

इसकी रसीद की फोटो कॉपी एप्लीकेशन के पीछे लगा सकते हैं

न्यायालय में प्रार्थना पत्र पर कार्रवाई

जब आप उप जिला न्यायालय में अपना प्रार्थना पत्र देते हैं ! तो उस पर संबंधित अधिकारी कार्रवाई को आगे बढ़ाते हैं ! प्रार्थना पत्र प्राप्त होने पर संबंधित कर्मचारी प्रार्थना पत्र की जांच करेगा ! और संबंधित रजिस्टर में दर्ज कर उप जिलाधिकारी के समक्ष आदेश हेतु प्रस्तुत करेगा !
उप जिला अधिकारी प्रारंभिक पैमाइश यह सर्वे का आदेश पारित करेंगे ! राजस्व निरीक्षक या कानूनगो को यह निर्देश देंगे कि सीमांकन की एक तिथि नियत कर ! सभी पक्षों को नोटिस जारी करने हुए नियति तिथि पर चिंतन करें !

राजस्व निरीक्षक द्वारा पैमाइश या सीमांकन किया जाना

जब आप उप जिला अधिकारी के यहां अपना प्रार्थना पत्र दे आते हैं ! उसके बाद राजस्व निरीक्षक नोटिस में नियत तारीख के अनुसार मौके पर जाकर अभिलेखों के अनुसार पैमाइश करता है ! साथी अगल-बगल के काश्तकारों की उपस्थिति में यह पैमाइश की जाती है ! जब आपके जमीन या खेत के चारों तरफ के खेतों की पैमाइश की जाएगी ! तो आप का गाते में जो भूमि है वह निकल आएगी !

यदि आपकी भूमि या जमीन की पैमाइश कम निकलती है ! और अगल-बगल के काश्तकारों की जमीन ज्यादा निकलती है ! तो उनको नोटिस दिया जाएगा ! मौजूदा में जो आपके खेत की नाप होगी ,उसे राजस्व निरीक्षक नोट करके एक नक्शा तैयार करेगा ! उस नक्शे पर सभी पक्षों के हस्ताक्षर कराए जाएंगे ! यदि कोई हस्ताक्षर नहीं करता है ,तो उसे राजस्व निरीक्षक नोट कर लेगा ! रिपोर्ट तैयार करके उप जिला अधिकारी को सौंप देगा !

राजस्व निरीक्षक के सीमांकन के बाद की कार्रवाई !

जब राजस्व निरीक्षक मौके पर आपके खेत की पैमाइश करके रिपोर्ट तैयार कर लेता है ! इसके बाद राजस्व निरीक्षक या कानूनगो के द्वारा सीमांकन या पास करने की दिनांक से 15 दिन के अंदर ! स्थल ज्ञात सहित अपनी सीमांकन संख्या फील्डबुक उप जिला अधिकारी न्यायालय को प्रेषित कर देता है ! राजस्व निरीक्षक अपनी सीमांकन आंख्या में प्रत्येक प्रभावित पक्ष का नाम पता दी लिखता है ! जिससे उप जिला अधिकारी को जो रिपोर्ट दी जाती है वह साफ और क्लियर हो !

जमीन की पैमाइश के बाद उप जिला अधिकारी न्यायालय में कार्रवाई

अब न्यायालय दोनों पक्षों को नोटिस जारी करेगा ! एक तिथि पर दोनों पक्षों से आपत्ति आमंत्रित की जाएगी ! उप जिला अधिकारी धारा 24 के प्रावधानों के अनुसार सुनवाई कर कार्रवाई करेंगे ! दोनों पक्षों को यदि कोई आपत्ति है ,तो उस पर भी उप जिला अधिकारी सुनवाई करेंगे ! उप जिला अधिकारी कानूनगो के द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट के अनुसार दोनों पक्षों की सुनवाई करते हैं ! अब न्यायालय पीड़ित पक्ष को कानूनगो की सहायता से पत्थर नसब का आदेश पारित कर देंगे !

अब एक निर्धारित दिनांक पर कानूनगो आपके खेत की पैमाइश कर पत्थर नसब करेगा ! पत्थर नसब का आदेश पारित करते हुए न्यायालय संबंधित थाना अध्यक्ष को भी सूचित कर सकता है ! जब पत्थर न कराया जाए उस समय कोई विवाद ना हो इसलिए पुलिस बल का भी प्रयोग किया जा सकता है ! अब पीड़ित व्यक्ति को अपने के अनुसार जमीन पर कब्जा दिला दिया जाएगा !

राजस्व निरीक्षक या कानूनगो द्वारा पत्थर नसब कर कबजा दिलाना

उप जिला अधिकारी के आदेश के बाद राजस्व निरीक्षक आपके खेत का आपको कब्जा दिलाएगा ! इस प्रक्रिया के दौरान यदि कोई पक्ष व्यवधान उत्पन्न करता है ! तो उस पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी ! ध्यान रखना है यह एक कानूनी प्रक्रिया है ! इस पर किसी भी पक्ष का सहमत या असहमत होना शिव कारा नहीं जाएगा ! यदि आपकी कागज में जमीन है ,तो आपको आप की जमीन पर कब्जा दिलाया जाएगा ! जो व्यक्ति ज्यादा उत्पन्न करेगा उस व्यक्ति पर कानूनी प्रक्रिया की जाएगी !

उप जिला अधिकारी न्यायालय के आदेश के विरुद्ध अपील

यदि किसी पक्ष को उप जिला अधिकारी न्यायालय के आदेश पर आपत्ति है ! तो वह 30 दिन के भीतर आयोग या कमिश्नर ऑफिस में अपनी अपील प्रस्तुत कर सकता है ! कमिश्नर या आयुक्त महोदय का आदेश अंतिम आदेश होगा ! इसके बाद आप किसी भी प्रकार की और अपील नहीं कर सकते !

 

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