PM Fasal Bima Yojana 2023: जैसा कि हम जानते हैं भारत कृषि प्रधान देश है, और एग्रीकल्चर को भारत अर्थव्यवस्था की रीड की हड्डी माना जाता है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना किसान को खेती में बदलते मौसम एवं आपदाओं के कारण होने वाले नुकसान में किसान भाइयों को वित्तीय सुरक्षा देते हैं। आज के साइकल में हम पीएम फसल योजना के बारे में सभी महत्वपूर्ण जानकारियों को जानेंगे।
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फसल बीमा योजना क्या है? – Fasal Bima Yojana 2023
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMBY) एक सरकारी योजना है यह योजना 2016 में शुरू की गई थी। इस योजना का उद्देश्य किसानों को प्राकृतिक आपदाओं, कीटों और बीमारियों के कारण फसल के नुकसान के खिलाफ वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है, योजना के तहत, किसानों को उनकी फसल की लागत का 50-85% तक की भरपाई दी जाती है। ताकि वह अपने खेती को निरंतर रूप से सुचारू कर सकें।
योजना का नाम | पीएम फसल बीमा योजना |
योजना की शुरुआत | 2016 |
योजना का उद्देश्य | किसानों को वित्तीय सुरक्षा |
आधिकारिक वेबसाइट | https://pmfby.gov.in/ |
योजना का लाभ | 50%-80% मुआवजा |
Fasal Bima Yojana के मुख्य बिंदु
- किसानों को मौसम एवं आपदाओं से होने वाले नुकसान पर मुआवजा
- योजना के अंतर्गत बीमा सुविधा.
- किसान की आजीविका को सुरक्षा एवं वित्तीय स्थिरता में मदद
वैसे तो यह बिंदु सामान्य तौरपर पीएम फसल बीमा योजना के मुख्य पहलू हैं, इसके अंतर्गत कई जानकारियों पर नजर डालना आवश्यक है जैसे फसल बीमा योजना के मुख्य कार्य, इसके मुख्य लाभ, इस योजना में आवेदन एवं इस योजना में मुआवजे के लिए अप्लाई आदि संबंधित जानकारियों को समझेंगे, इसलिए आर्टिकल को पूरा अवश्य पढ़ें।
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प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के कार्य – Fasal Bima Yojana Works
दोस्तों, सामान्य भाषा समझे तो, जब भारत में किसी किसान की फसल मौसम, कीटों या अन्य अप्रत्याशित घटनाओं से क्षतिग्रस्त हो जाती है, तो फसल बीमा योजना किसान को मुआवजा राशि का भुगतान करती है। मुआवजे की राशि क्षति की सीमा और बीमा पॉलिसी की शर्तों पर निर्भर करते हैं, जिसमें किसान भाइयों को राहत दी जाती है।
दोस्तों, इस योजना के मुख्य तीन घटक हैं जिसके माध्यम से आप इस योजना के कार्य को आसानी से समझ सकते हैं, यदि आप इस योजना के तहत लाभार्थी हैं या इस योजना में आवेदन करने जा रहे हैं तो आइए जानते हैं इस योजना के मुख्य तीन घटकों के बारे में,
- किसान फसल मूल्य के आधार पर प्रीमियम का भुगतान करते हैं।
- फसल नष्ट होने पर मुआवजे के पात्र।
- स्थानीय अधिकारियों के पास दावा दायर करें, सत्यापित मुआवजा प्राप्त करें।
पात्रता – Eligibility
इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों को पात्र होना आवश्यक है, इस योजना के दिशा निर्देश आधिकारिक वेबसाइट पर दिए गए हैं, हालांकि किसानों को इस योजना में पात्र होने के लिए मुख्य बिंदुओं के बारे में बताते हैं, जैसे किसान के पास कितनी जमीन होना चाहिए, किसान की जाति, किसान कि प्रतिवर्ष आय एवं अन्य मुख्य बिंदु शामिल है।
- इस योजना का लाभ वह किसान उठा सकते हैं जिनके पास कम से कम 0.5 हेक्टेयर भूमि है।
- वह किसान जो अधिसूचित फसलों की खेती कर रहे हैं।
- लाभार्थी किसान को बुवाई से पहले बीमा पॉलिसी खरीदनी होगा।
- किसान भारत का निवासी हो, अर्थात रहवासी प्रमाण के लिए मुख्य दस्तावेज आवश्यक है जैसे पहचान पत्र आदि।
- इसमें किसी प्रकार के जाति से संबंधित दिशा निर्देश नहीं है, किसान किसी भी जाति का हो सकता है।
दोस्तों आइए जानते हैं अब इस योजना के अंतर्गत राष्ट्रीय कृषि बीमा अधिसूचित फसलें कौन सी हैं, जो भारत में मुख्य रूप से की जाती है जिस पर बीमा योजना पूर्ण रूप से लागू की गई है।
भारत में मुख्य फसलें जो अधिसूचित लिस्ट हैं, यहां टेबल के माध्यम से बताई गई है।
राष्ट्रीय कृषि बीमा के अंतर्गत शामिल फसलें | |||||||||
क्र.सं. | रबी के अंतर्गत शामिल फसलेंमौसम | क्र.सं. | ख़रीफ़ सीज़न के अंतर्गत शामिल फसलें | ||||||
खाद्य फसलें और तेल | खाद्य फसलें और तिलहन | ||||||||
1 | धान का खेत | 1 | धान का खेत | ||||||
2 | गेहूँ | 2 | मक्का | ||||||
3 | ज्वार | 3 | ज्वार | ||||||
4 | बाजरे | 4 | बाजरे | ||||||
5 | मक्का | 5 | रागी | ||||||
6 | जौ | 6 | कीट | ||||||
7 | बलात्कार और सरसों | 7 | कोर्रा | ||||||
8 | अलसी का बीज | 8 | उनके पास चार हैं | ||||||
9 | काला चना | 9 | बचाना | ||||||
10 | बंगाल चना | 10 | काला चना | ||||||
11 | हरा चना | 11 | हरा चना | ||||||
12 | अरहर | 12 | चने की दाल | ||||||
13 | चने की दाल | 13 | अरहर | ||||||
14 | सूरजमुखी | 14 | मूंगफली | ||||||
15 | कुसुम | 15 | तिल | ||||||
16 | तिल | 16 | सूरजमुखी | ||||||
17 | मूंगफली | 17 | सोया बीन | ||||||
18 | रागी | 18 | नाइजर | ||||||
19 | मटर | 19 | रेंड़ी | ||||||
20 | मसूर | 20 | कोदो कुटकी | ||||||
वार्षिक कॉम. / हॉर्ट। काटना | वार्षिक वाणिज्य/हॉर्ट। फसलें | ||||||||
1 | कपास | 1 | गन्ना | ||||||
2 | गन्ना | 2 | केला | ||||||
3 | आलू | 3 | कपास | ||||||
4 | प्याज | 4 | आलू | ||||||
5 | अदरक | 5 | सर्द | ||||||
6 | मिर्च | 6 | अदरक | ||||||
7 | टैपिओका | 7 | प्याज | ||||||
8 | केला | 8 | हल्दी | ||||||
9 | Jeera | 9 | अनानास | ||||||
10 | लहसुन | 10 | टैपिओका | ||||||
11 | Isabgol | 11 | जूट | ||||||
12 | Sonf | ||||||||
13 | बैंगन |
PM Fasal Bima Yojana benefits – पीएम फसल बीमा योजना के लाभ
आइए जानते हैं इस योजना मैं लाभार्थियों को मिलने वाले फायदों के बारे में, दोस्तों यदि मुख्य लाभ के बारे में बात की जाए तो इसका सबसे बड़ा लाभ यह है कि इस योजना में किसानों को वित्तीय सहायता मिलती है जिसमें किसान को नुकसान होने के बाद भी खेती करने की ताकत मिलती है।
यह योजना लागू होने के पहले, भारत में मुख्य रूप से किसान पर आपदाएं एवं मौसमी परेशानियों का सामना करने के लिए स्वयं उत्तरदाई होकर नुकसान उठाना पड़ता था, जिसमें कई लाखों का नुकसान भी होता था परंतु इस योजना के लागू होने के बाद किसान अब निश्चित रूप से अपनी खेती को होने वाले नुकसान की सुरक्षा के साथ अपनी आजीविका को चला सकता है।
जानकारी के लिए बता दें कि इसके अलावा इस योजना में कई लाभ मौजूद हैं जैसे आज हम संक्षिप्त में जानेंगे, पीएम फसल योजना के लाभ सामान्य रूप से उन सभी पात्र किसानों को मिलते हैं जिन्होंने इस योजना में आवेदन कर रखा है एवं अपने प्रीमियम को समय-समय पर भरते हैं। आइए जानते हैं प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के मुख्य लाभ क्या है।
जोखिम से राहत
फसल बीमा योजना किसानों को फसल क्षतिग्रस्त होने पर उनकी आय की रक्षा करके एक सुरक्षा जाल प्रदान करती है। यह उन्हें अप्रत्याशित परिस्थितियों के कारण सब कुछ खोने के निरंतर डर के बिना परिकलित जोखिम लेने और अपने क्षेत्रों में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करता है।
प्रीमियम / निवेश
मुआवज़े के आश्वासन के साथ, किसानों द्वारा आधुनिक कृषि पद्धतियों को अपनाने, बेहतर बीजों, उर्वरकों और उपकरणों में निवेश करने और अपनी समग्र फसल प्रबंधन तकनीकों में सुधार करने की अधिक संभावना है। इससे उत्पादकता बढ़ती है और बेहतर खाद्य सुरक्षा मिलती है।
समय पर भुगतान
योजना की असाधारण विशेषताओं में से एक त्वरित मुआवजा प्रदान करने पर जोर देना है। इससे यह सुनिश्चित होता है कि किसानों को फसल के नुकसान के बाद तुरंत वित्तीय सहायता मिलती है, जिससे वे बिना किसी देरी के अगले रोपण सीजन से उबरने और योजना बनाने में सक्षम होते हैं।
सब्सिडी
फसल बीमा योजना में नामांकन के लिए प्रीमियम दरों पर सरकार द्वारा सब्सिडी दी जाती है, जिससे यह छोटे और सीमांत किसानों के लिए किफायती हो जाती है। यह सुनिश्चित करता है कि सीमित संसाधनों वाले लोग भी योजना का लाभ उठा सकें।
इसके अलावा भी इस योजना के अन्य लाभ हैं जैसे:
- फसल के नुकसान से होने वाले वित्तीय बोझ को कम करता है।
- गरीबी उन्मूलन और ग्रामीण विकास में योगदान देता है।
- भारत के कृषि क्षेत्र और अर्थव्यवस्था को मजबूत करता है।
निष्कर्ष
दोस्तों, जैसा कि आज हमने समझा, PM Fasal Bima Yojana एक सरकारी योजना है जिसे 2016 में लागू किया गया था, इस योजना के तहत, किसानों को अपनी फसल की लागत का 50-85% तक की भरपाई दी जाती है। यह भरपाई फसल के नुकसान की सीमा और नुकसान के कारण पर निर्भर करती है।
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